Dhoni Ke Gloves Ka Raj(Apka Mitra)
(Dhoni Ke Gloves Ka Raj)
धोनी के ‘खास ग्लव्स’ के पीछे का राज
विश्वकप में अपने पहले मैच में भारत ने
दक्षिण अफ्रीका को
दक्षिण अफ्रीका को
6 विकेट से करारी शिकस्त दी। इस मैच में
विकेट के पीछे महेंद्र सिंह
विकेट के पीछे महेंद्र सिंह
धोनी ने एक खास किस्म का ग्लव्स पहना
था जो अब काफी चर्चा में है।
था जो अब काफी चर्चा में है।
Dhoni Ke Gloves Ka Raj
इंग्लैंड में हो रहे विश्वकप में भारत का मैच
दक्षिण अफ्रीका से था
। यह मैच भारत का विश्वकप का पहला मैच
था को विश्वकप में अपने
पहले मैच में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 6
विकेट से करारी शिकस्त दी।
इस मैच में विकेट के पीछे
दक्षिण अफ्रीका से था
। यह मैच भारत का विश्वकप का पहला मैच
था को विश्वकप में अपने
पहले मैच में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 6
विकेट से करारी शिकस्त दी।
इस मैच में विकेट के पीछे
महेंद्र सिंह धोनी ने एक खास किस्म
का ग्लव्स पहना था जो अब काफी
का ग्लव्स पहना था जो अब काफी
चर्चा में है।
बता दें कि मैच में अनोखे अंदाज में भारतीय
विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी
विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी
ने पैरा स्पेशल फोर्स को सम्मान देने का
तरीका अपनाया। मैच के दौरान
तरीका अपनाया। मैच के दौरान
धोनी ने जो ग्लव्स पहना था उसपर
‘बलिदान बैज’ का चिह्न देखा गया।
‘बलिदान बैज’ का चिह्न देखा गया।
इस चिह्न का इस्तेमाल हर कोई नहीं कर
सकता। इसे सिर्फ पैरा कमांडो
सकता। इसे सिर्फ पैरा कमांडो
ही लगाते हैं। पैरा स्पेशल फोर्स को आमतौर
पर पैरा एसएफ कहा जाता है।
पर पैरा एसएफ कहा जाता है।
धोनी को भी 2011 में सेना में मानद
लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी।
दरअसल धोनी ने ऐसा भारतीय सेना के
प्रति
सम्मान जताने के उद्देश्य से
प्रति
सम्मान जताने के उद्देश्य से
किया। उनके इस कदम की सोशल मीडिया
पर खूब तारीफ हो रही है।
पर खूब तारीफ हो रही है।
गौरतलब है कि धोनी ऐसे दूसरे खिलाड़ी हैं
जिन्हें यह सम्मान दिया गया
जिन्हें यह सम्मान दिया गया
है, इससे पहले कपिलदेव को यह सम्मान
दिया गया था।
दिया गया था।
हालांकि इससे पहले भी धोनी कई बार
भारतीय सेना के प्रति अपना
भारतीय सेना के प्रति अपना
सम्मान जता चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया के
खिलाफ
घरेलू सीरीज में भी धोनी
खिलाफ
घरेलू सीरीज में भी धोनी
समेत पूरी भारतीय टीम आर्मी कैप पहने
दिखाई दी थी। भारतीय टीम ने
दिखाई दी थी। भारतीय टीम ने
पुलवामा आतंकी हमले के शहीद जवानों
को
श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से
को
श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से
ऐसा किया था।
पैरा स्पेशल फोर्स भारतीय सेना की स्पेशल
ऑपरेशन यूनिट होती है। यह
ऑपरेशन यूनिट होती है। यह
वही स्पेशल फोर्स है जिसने 2016 में पाक
के कब्जे वाले कश्मीर
के कब्जे वाले कश्मीर
(पीओके) में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया था।
आपको बता दें कि बुधवार को साउथेम्प्टन
में दक्षिण अफ्रीका के
में दक्षिण अफ्रीका के
खिलाफ
भारत के पहले मैच के दौरान महेंद्र सिंह
धोनी को बलिदान बैज के साथ
धोनी को बलिदान बैज के साथ
खेलते देखा गया था. वो जो ग्लव्स पहने हुए
थे, उसमें बलिदान बैज का
थे, उसमें बलिदान बैज का
निशान बना हुआ था.
जब धोनी विकेटकीपिंग कर रहे थे, तब
इसको देखा गया और इसके बाद
इसको देखा गया और इसके बाद
से विवाद पैदा हो गया. जब इस मामले ने
ज्यादा तूल पकड़ा, तो
ज्यादा तूल पकड़ा, तो
आईसीसी ने महेंद्र सिंह धोनी को अपने
दस्ताने से इस निशान को हटाने
दस्ताने से इस निशान को हटाने
के लिए कह दिया. हालांकि धोनी ने अपने
ग्लव्स से इस निशान को
ग्लव्स से इस निशान को
हटाने
से साफ इनकार कर दिया.
वहीं, भारतीय सेना ने धोनी के ग्लव्स पर
बने
निशान को बलिदान
बने
निशान को बलिदान
बैज मानने से इनकार किया है. सेना के सूत्रों
का कहना है कि बलिदान
का कहना है कि बलिदान
बैज स्पेशल फोर्सेज का प्रतीक चिह्न है, जो
मरून रंग में होता है. इस
मरून रंग में होता है. इस
चिह्न में हिंदी में बलिदान लिखा गया है.
इसको अक्सर सीने पर
इसको अक्सर सीने पर
लगाया जाता है. सेना का कहना है कि धोनी
के ग्लव्स में जो निशान
के ग्लव्स में जो निशान
दिख रहा है, वह पैरा स्पेशल फोर्सेज का
प्रतीक है.जब आईसीसी ने
प्रतीक है.जब आईसीसी ने
धोनी से अपने ग्लव्स से इस निशान को
हटाने को कहा, तो
हटाने को कहा, तो
बीसीसीआई उनके समर्थन में उतर आई.
बीसीसीआई
बीसीसीआई
का कहना है कि आईसीसी को खत
लिखकर
कहा गया है कि
लिखकर
कहा गया है कि
वह महेंद्र सिंह धोनी को बालिदान बैज वाले
ग्लव्स को पहनने की
ग्लव्स को पहनने की
इजाजत दे.
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