morning habits in hindi (apka mitra)
कामयाब लोगो की आदते।(Morning Habits in hindi Of successful peoples) |
हम सभी ने ये तो सुना ही होगा ही अगर सुबह की शुरुआत अच्छी हो तो पूरा दिन अच्छा जाता है। तो ऐसा क्या जाये की हमारी सुबह की शुरुआत
अच्छी हो। और जो दुनिया के कामयाब लोग है वे अपनी सुबह की शुरुआत कैसे करते है। ताकि हम भी अपने दिन की शुरुआत उनकी तरह करके अपने जीवन में आगे बढ़ सके।
तो चलिए आज जानते है इसी तरह की कुछ सुबह की आदतों के बारे में
जो दुनिया के बहुत से कामयाब लोगो में सामान्य रूप से होती है।
आदते ही है जो इंसान को जीवन में आगे बढ़ाती है या आगे जाने से रोकती है।
अगर इंसान अपनी आदते सुधार ले तो उसके जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन हो सकते है।
तो जानते है उन आदतों के बारे में। जो सुबह 8 बजे तक हमे कर लेनी चाहिए।
1 . ध्यान (Meditation)
ध्यान या मैडिटेशन वह मुख्य आदत है। जो सभी कामयाब लोगो में सामान्य रूप से पायी जाती।आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगो के पास खुद के लिए समय ही नहीं है। ध्यान हमे खुद को ही जानने की प्रक्रिया है। सुबह उठते ही हमारा ध्यान अखबारों या मोबाइल फ़ोन्स में चला जाता है। सुबह उठते ही हम अपने दिमाग को आलतू फालतू के विचारो से भर लेते है।
हमे यह नहीं करना चाहिए।हमे सुबह अपने मन को विचारो से खाली करना चाहिए। मन को शांत रखने की कोशिश करनी चाहिए।
इसके लिए सबसे अच्छा टूल मैडिटेशन है।
मैडिटेशन में हम अपने दिमाग को विचारो से खाली कर देते है। और इससे मन बहुत शान्त होता है।
इसलिए हमे रोज सुबह मैडिटेशन करना चाहिए।
मैडिटेशन या ध्यान करने के बाद मन विचारो से मुक्त हो जाता हो। अब यह समय होता है जब अपने मन में हमे वो विचार डालने है हो जो हमे हमारे लक्ष्य (Goals) की तरफ ले जाने में मदद करे।
तो इसका सबसे अच्छा तरीका है Affirmations | इसमें हम खुद से कुछ पॉजिटिव बाते बोलते है। और उन बातो को अपने अवचेतन मन तक पहुंचाते है। क्युकी हमारी सारी आदते अचेतन मन द्वारा संचालित होती है। और जब हमारा मन विचारो से मुक्त होता है तो Affirmations से बहुत ही आसानी से हम अपनी बाते अवचेतन मन तक पहुंचा सकते है। क्युकी हमारा अवचेतन मन सच और कल्पनां का फर्क नहीं समझता। इसलिए लगातार पॉजिटिव Affirmations के द्वारा हम अपनी कोई भी बात अवचेतन मन तक पहुंचा सकते है। अब ऐसा करने से फर्क क्या पड़ेगा। मन लो हमने अपनी बात अवचेतन मन पहुंचा भी दी तो उससे क्या होगा। जभी हम कोई नई चीज सीखते है तो उसमे हमे बहुत सी चीजों का ध्यान रखना होता है। लेकिन जब हम लगातार उस चीज को करते रहते है तो वह अपने आप होने लगती है उस पर हमे इतना ध्यान नहीं देना पड़ता क्युकी हमारा अवचेतन मन उस कार्य को करता है।
जिस प्रकार से हम शुरू में बाइक चलना सीखते है। शुरू में हमे ब्रेक क्लच गियर हर चीज पर बहुत ध्यान देना पड़ता है। पर जब लगातार हम बाइक चलाते रहते है तो इन चीजों पर इतना ध्यान नहीं देना पड़ता सब कुछ ऑटोमैटिक मोड में होता जाता है। जैसे कोई और यह कर रहा हो। वो कोई और हमारा अवचेतन मन ही होता है। तो देखा अपने कितना शक्तिशाली है, हमारा अवचेतन मन और हमारे दिनभर के अधिकतर कार्य हमारे अवचेतन मन द्वारा किये जाते है। और हमे पता भी नहीं चलता। तो Affirmations के द्वारा जो भी आदते ये चीजे हम चाहते है। हमे अपने अचेतन मन तक पहुचानी होती है।
हमे अवचेतन मन को विश्वास दिलाना है की वो आदते हमने अपना ली है। मान लो मुझे रोज एक्सरसाइज करनी है।
तो में अपने माइंड को बोलूंगा की रोज एक्सरसाइज कर रहा हु। इसी बात को पुरे विश्वास और भावनाओ के साथ माइंड को लगातार बोलते रहने से वो उसे सच मैंने लगता है। और एक बार उसने सच मान लिया तो वह हमारे लिए खुद ही उस कार्य को करने को कहेगा।
और सच मानिये यह बहुत ही कारगर है।
जैसे आप किसी को कुछ गलत बोल देते हो आपका भी मूड ख़राब होता है।
और किसी की तारीफ करते हो तो आपका भी मूड अच्छा हो जाता है
ये सब हमारे अवचेतन मन का ही खेल है।
तो दोस्तों दूसरा काम जो हमे करना है। वह है खुद से Affirmations के द्वारा पॉज़िटिव बात करना।
जिस प्रकार से हम शुरू में बाइक चलना सीखते है। शुरू में हमे ब्रेक क्लच गियर हर चीज पर बहुत ध्यान देना पड़ता है। पर जब लगातार हम बाइक चलाते रहते है तो इन चीजों पर इतना ध्यान नहीं देना पड़ता सब कुछ ऑटोमैटिक मोड में होता जाता है। जैसे कोई और यह कर रहा हो। वो कोई और हमारा अवचेतन मन ही होता है। तो देखा अपने कितना शक्तिशाली है, हमारा अवचेतन मन और हमारे दिनभर के अधिकतर कार्य हमारे अवचेतन मन द्वारा किये जाते है। और हमे पता भी नहीं चलता। तो Affirmations के द्वारा जो भी आदते ये चीजे हम चाहते है। हमे अपने अचेतन मन तक पहुचानी होती है।
हमे अवचेतन मन को विश्वास दिलाना है की वो आदते हमने अपना ली है। मान लो मुझे रोज एक्सरसाइज करनी है।
तो में अपने माइंड को बोलूंगा की रोज एक्सरसाइज कर रहा हु। इसी बात को पुरे विश्वास और भावनाओ के साथ माइंड को लगातार बोलते रहने से वो उसे सच मैंने लगता है। और एक बार उसने सच मान लिया तो वह हमारे लिए खुद ही उस कार्य को करने को कहेगा।
और सच मानिये यह बहुत ही कारगर है।
जैसे आप किसी को कुछ गलत बोल देते हो आपका भी मूड ख़राब होता है।
और किसी की तारीफ करते हो तो आपका भी मूड अच्छा हो जाता है
ये सब हमारे अवचेतन मन का ही खेल है।
तो दोस्तों दूसरा काम जो हमे करना है। वह है खुद से Affirmations के द्वारा पॉज़िटिव बात करना।
3 . मानसिक दर्शन (Visualization)
हमने मेडिटेट कर खुद से कुछ पॉजिटिव बाते भी की। अब हमे करना है Visualization अब ये क्या होता है। यह Affirmations का वीडियो फॉर्मेट है। Affirmations में हम खुद से पॉजिटिव बाते करते है।
इस में वही बाते हमे एक फिल्म की तरह अपने माइंड में चलानी होती है। जैसे आज से पाँच साल बाद हम किस तरह की ज़िंदगी जी रहे है। हमने अपने सारे गोल्स प्राप्त कर लिए है। मतलब जिस ज़िंदगी को देखने के हम सपने देखते है कही हमे देखनी है और अवचेतन मन की गहराइयो तक अपने सपनो को पहुँचाना है।
बाकि काम आप अपने अवचेतन मन पर छोड़ दीजिये। अगर आप उसमे जिस तरह के विचार जिस तरह की बाते डालेंगे वही वह हमे वापिस देगा। उसी तरह के हमारे एक्शन्स होंगे। और उसी तरह के हमे परिणाम मिलेंगे।
इसलिए आज से ही अवचेतन मन में Affirmations और Visualization के द्वारा वही विचार और वही बाते डाले जिस तरह का जीवन जीना चाहते है।
4 . व्यायाम (Exercise)
एक कहावत तो आप सभी ने सुनी एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मन निवास करता है। हमने मन की सफाई तो कर ली। मैडिटेशन से सभी विचार साफ किये। फिर उसमे अच्छे विचार डालें। उन अच्छे विचारो पर हम तभी कार्य कर पाएंगे जब हमारा शरीर स्वस्थ होगा। ऊर्जावान होगा। तो इसलिए चौथी आदत हमे अपनानी होगी व्यायाम(Exercise) करने की। हमे रोज सुबह कुछ कुछ व्यायाम करना चाहिए। इसके लिए जरुरी नहीं की हम रोज जिम जाये। अगर जा सकते है तो अच्छा है। अगर नहीं जा सकते तो सुबह थोड़ा पैदल चल सकते है। कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर सकते है।योगा कर सकते है। लेकिन हमे एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए।
तो दोस्तों एक्सरसाइज रोज जरूर कीजिये।
जिस भी फील्ड में आप है। उसमे खुद को बेहतर बनाने के लिए पड़ना है। जो स्किल्स आपको लगता है की डेवलप करनी चाहिए। उन स्किल्स को डेवलप करने के लिए बुक्स पढ़नी चाहिए।
सो friends रेगुलर रीडिंग की हैबिट डेवलप कीजिये।
6. लेखन (Writing)
लिखना भी एक बहुत ही अच्छी हैबिट है। क्युकि लिखने से हम अपने पुरे दिन के प्लान्स बना सकते और क्या काम इम्पोर्टेन्ट है क्या नहीं है। कई बार हम अपना काफी वक़्त उन कामो में लगा देते है। जो वाकई जरुरी नहीं थे इन फैक्ट उन्हें नहीं भी करते तो भी कोई फ़र्क़ पड़ता। इसलिए जरुरी है की हम सुबह ही अपने पुरे दिन की प्लानिंग लिख ले। उसमे जो भी काम ज्यादा जरुरी है उन्हें प्राथिमिकता दे और फालतू काम छोड़ दे। इसलिए हमे रोज सुबह अपनी डेली लाइफ रूटीन लिख लेनी चाहिए ताकि हम अपने समय का उचित उपयोग कर सके।
तो दोस्तों ये थी वो आदते जो हमारी सुबह को बहुत अच्छा और ऊर्जावान बना सकती है और हमारे जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकती है
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धन्यवाद।
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